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मुस्लिम महिलाओं को पिता की संपत्ति में हिस्सा दिलाने के लिए देश भर में अभियान छेड़ेगा पर्सनल लॉ बोर्ड

मुस्लिम महिलाओं को उनके पिता की संपत्ति में हिस्सा मिले इसके लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड देशभर में अभियान चलाएगा। AIMPLB ने यह फैसला दिल्ली में कार्य समिति की हुई बैठक में लिया है।

Pawan Kumar Sharmaलाइव हिन्दुस्तान,लखनऊMon, 18 Sep 2023 09:43 PM
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मुस्लिम महिलाओं को उनके पिता की संपत्ति में हिस्सा मिले इसके लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड देशभर में अभियान चलाएगा। AIMPLB ने यह फैसला दिल्ली में कार्य समिति की हुई बैठक में लिया है। गौरतलब है कि देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बहस चल रही है ऐसे में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर भी मुस्लिम समाज में बदलाव लाने का दबाव है।

एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता डॉ एसक्यूआर इलियास ने कहा, “कई लोगों ने महसूस किया कि शरिया कानून बेटी को पिता की विरासत में एक निश्चित हिस्सा देता है लेकिन कई मामलों में उन्हें हिस्सा नहीं मिल पाता है। जबकि बेटे की संपत्ति से माँ और पति की संपत्ति से विधवा को भी कभी-कभी अपने हिस्से से वंचित कर दिया जाता है।”

डॉ एसक्यूआर इलियास ने कहा कि एआईएमपीएलबी ने यह भी महसूस किया है कि देश की महिलाएं कई सामाजिक समस्याओं जैसे कन्या भ्रूण हत्या,देरी से शादी की समस्या, दहेज,उनकी गरिमा और शुद्धता पर हमले, कार्यस्थलों पर शोषण और घरेलू हिंसा का सामना कर रही हैं। इस मामले में निर्णय लिया गया कि समाज को अंदर से सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुधार के उद्देश्य से इसे तीन हिस्सों में बांटा गया है। इसके लिए तीन सचिव बनाए गये हैं। मौलाना एस अहमद फैसल रहमानी, मौलाना एम उमरैन महफूज रहमानी और मौलाना यासीन अली उस्मानी को इन सुधारों के लिए सचिव बनाया गया है।

वहीं आगे की रणनीति की योजना बनाने के लिए मौलाना एस अहमद फैसल रहमानी, मौलाना मोहम्मद उमरैन महफूज रहमानी और डॉ एसक्यूआर इलियास की एक समिति भी गठित की गई है। इसी तरह, बोर्ड के सचिव मौलाना सैयद बिलाल अब्दुल हई हसनी नदवी को तफहीम ए शरीयत कमेटी की जिम्मेदारी दी गई है। 

बैठक में प्रतिभागियों ने यूसीसी को लेकर बोर्ड द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, बोर्ड की पहल पर करीब  63 लाख मुसलमानों ने 22वें विधि आयोग को जवाब दिया. जिसने यूसीसी के मुद्दे पर धार्मिक संगठनों और जनता से विचार मांगे थे। यह निर्णय लिया गया कि बोर्ड यूसीसी के खिलाफ अपने प्रयास जारी रखेगा। उन्होंने कहा, यह निर्णय लिया गया कि वक्फ की शरिया स्थिति, वक्फ संपत्तियों का खतरा और उपायों पर देश के प्रमुख पांच शहरों में वक्फ सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।

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